नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मिनी पीएसएलवी परियोजना को लॉन्च करने के लिए प्राइवेट कंपनियों या संघीय सहायता-व्यवस्था को साथ लाएगा। इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवन ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि अगले साल के मध्य में इस रॉकेट की टेस्टिंग हो सकती है।इस प्रॉजेक्ट में बेहद कम कीमत पर छोटे रॉकेट को असेंबल किया जाएगा। सामान्य पीएसएलवी को एक साथ करने में 30 से 40 दिन लगते हैं, जो 44 मीटर लंबा और 2.8 मीटर व्यास का होता है। डॉ. सिवन ने बताया कि इसरो शुरुआत में एक या दो मिनी रॉकेट बनाएगा। वजन के मामले में भी यह रॉकेट सामान्य पीएसएलवी का एक तिहाई ही होगा। पीएसएलवी का वजन करीब 300 टन तक होता है। इस तरह के सैटलाइट का इस्तेमाल पृथ्वी की तस्वीरें लेने और मौसम की जानकारी के लिए किया जाता है। मिनी रॉकेट की बात इसरो के वैज्ञानिकों की एक मीटिंग में चर्चा के दौरान सामने आई। बताया जा रहा है कि छोटे सैटलाइल लॉन्चिंग की कमर्शल डिमांड को देखते हुए वैज्ञानिकों ने इस तरह का फैसला लिया। डॉ. सिवन ने बताया कि छोटी लॉन्चिंग के जरिए कई नैनो सैटलाइल लॉन्च की जा सकती हैं।
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